
मैने कहा “वर्मा जी ,आप भी कहाँ इन बातों में विश्वास करते है यह सब चमत्कार नहीं विज्ञान के प्रयोग हैं । बस इतना कहा था मैने कि वर्मा जी चिढ़ गये ..” देखिये आपको नहीं मानना है तो नहीं माने लेकिन बाबा पर अविश्वास तो न करें । मैने फिर कहा “ मै बाबा पर अविश्वास नहीं कर रहा हूँ मैं तो पाण्डे जी द्वारा किये चमत्कार की बात कर रहा हूँ जिसके पीछे विज्ञान का एक साधारण सा प्रयोग है ।“
खैर वर्मा जी तो उस दिन मान गये लेकिन यह बात मन में गूंजती रही ।फिर एक दिन नागपुर की अन्धश्रद्धा निर्मूलन समिति के उमेश बाबू चौबे ,गणेश हलकारे व हरीश देशमुख जी ,साक्षरता समिति के तहत एक शिविर मे दुर्ग पहुंचे तो उनसे मैने यह किस्सा बताया । गणेश भाई हँसने लगे ,कहा “ इसमे कौनसी बड़ी बात है..देवी देवताओं के चित्र से तो भभूत हम भी निकालते हैं अभी उस दिन नागपुर में हमने “श्रीदेवी” की फोटो से भभूत निकाली है ।चलिये घोषणा करवा दीजिये कल यहाँ के किसी सार्वज़निक स्थान पर यह प्रयोग करें ।“ मैने कहा “ठीक है .. अखबारों में विज्ञप्ति दे दी गई “ कल शाम पाँच बजे पुराने बस स्टैंड पर एक आम सभा में आइये और देखिये श्रीदेवी की फोटो से भभूत कैसे निकलती है ।“

इस बीच हमारे कार्यकर्ता लोगों को अन्य प्रयोग कर के भी दिखा रहे थे ।इस चमत्कार के बारे में कुछ लोगों ने पूछा तो बताया गया यह तो बहुत आसान है । अल्युमिनियम की फ्रेम पर चुपचाप मर्क्युरस क्लोराइड का पाउडर लगा देते हैं जो सफेद होता है और आसानी से दिखाई नहीं देता थोड़ी देर में दोनों की रासायनिक क्रिया शुरू हो जाती है और उससे जो पदार्थ तैयार होता है वह भभूत जैसा दिखता है ।एक कार्यकर्ता ने बोर्ड पर यह फार्मूला ही लिख दिया ।
6Hg2Cl2+2Al = 2AlCl3+3Hg2Cl2+6Hg
वर्मा जी को तो वहाँ पहुंचना ही था वे आये और उन्होने श्रद्धा भक्ति के साथ श्रीदेवी की तस्वीर के आगे हाथ जोड़े और कहा “ देखा बाबा का चमत्कार , श्रीदेवी जी की फोटो में भी प्रकट हो गये ।“ हम लोग हँसने लगे । समिति सचिव डी.एन.शर्मा जी ने उनसे कहा “धन्य हो प्रभु , इस देश की जनता हर स्त्री में इसी तरह भगवान का वास ही मानने लगे तो भले ही अपने अन्धविश्वास न दूर करे ,कम से कम उनके आगे हाथ जोड़ कर उनका सम्मान तो करने लगे ।“
घोषणा : यह किस्सा सौ प्रतिशत सत्य है – आपकी राय ?- शरद कोकास