6 आज्ञा केन्द्र (Morter Area ) एक तरह से यह मस्तिष्क का प्रधान मंत्री कार्यालय है । लगभग सारे विभाग इसी कार्यालय के अंतर्गत आते हैं । योजना विभाग भी इसी मंत्रालय के अधीन है । सभी शारीरिक हरकतों की योजनाएँ यहाँ बनती है । उदाहरणार्थ आप कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं । इतने में एक गुस्ताख मच्छर आपकी बाईं बाँह पर बैठता है और अपनी सूँड चुभोने लगता है । क्षण मात्र में रगों में बहते रक्त के माध्यम से यह सूचना आपके मस्तिष्क के सोमेटोसेंसरी एरिया में पहुँच जाती है और वहाँ से उससे भी कम समय में आज्ञा केन्द्र अर्थात प्रधानमंत्री कार्यालय में । वहाँ इस सूचना पर त्वरित कार्यवाही होती है और आपके शरीर की पुलिस फोर्स अर्थात हाथों के लिये आदेश ज़ारी होता है कि इसे भगाओ । हाथों की मसल्स तुरंत एक्शन में आ जाती हैं दाया हाथ तुरंत उठता है और बायें हाथ तक पहुँच जाता है और पटाक से मच्छर का मर्डर हो जाता है । हाँ यदि आपके मस्तिष्क में अहिंसा की प्रोग्रामिंग है और आप मच्छर ही क्या बेक्टेरिया और वाइरस की हत्या के भी खिलाफ हैं तो आप उसे केवल भगाकर ही संतुष्ट हो जाते हैं । इसके बाद आपके हाथ पुन: पूर्व में आदेशित कार्य सम्पन्न करने में लग जाते हैं ।
मच्छर के अलावा अन्य जीवों की हत्या में भी यही प्रक्रिया होती है । मच्छर बेचारे की गलती तो यह थी कि उसने आप को काटा हाँलाकि यह उसने अपनी भूख मिटाने के लिये किया लेकिन हम बिना किसी अपराध के साँप ,मूक पशु और मनुष्यों तक की हत्या कर डालते हैं ।
इसी तरह बहुत देर बैठे रहने पर पैर अकड़ जाता है तो मस्तिष्क के इसी विभाग से पैर की मसल्स के लिये आदेश ज़ारी होता है “ कुछ हिलो डुलो भई “। हमारे समस्त बाह्य अंगों को मस्तिष्क के इसी केन्द्र से आदेश प्राप्त होते हैं । बावज़ूद इसके शरीर के भीतर की अनेक क्रियाएँ होती हैं जो बिना मस्तिष्क के आदेश के सम्पन्न होती हैं जैसे की दिल का धड़कना । ( चित्र गूगल से साभार )
उपसर्ग में प्रस्तुत है
राधिका अर्जुन द्वारा बनाया गया
शमशेर बहादुर सिंह की कविता पर
यह यह कविता पोस्टर ।
इसे पढ़ते हुए मेरे मन में प्रश्न आया कि किसीसे प्रेम करने के लिये भी हमारा मस्तिष्क हमें कोई आदेश देता है क्या, जिसके फलस्वरूप हम अगले व्यक्ति से कहते हैं .. मुझे प्रेम करो ..
क्या कहते हैं आप ?