

आज एक मित्र के साथ कहीं जाने के लिये उनके घर से बाहर निकला ही था कि उन्हे छींक आ गई । तुरंत उनकी पत्नी ने कहा “ थोड़ा रुक जाईये जी यह अपशकुन है । “ मैने सोचा ,चलो भाभी हैं , थोड़ा हँसी-मज़ाक कर ही लिया जाये सो मैने पूछा “ क्या हो जायेगा भाभी जी अगर घर से निकलते समय छींक आ गई तो ? “ उन्होने कहा “ अरे आपको मालूम नहीं इससे दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है । “ मैने अपने तरकश से तर्क का तीर निकाला और कहा “ मतलब दुनिया में जितनी दुर्घटनाएँ होती हैं सब लोग अपने घर से निकलते समय छींकते ज़रूर होंगे ?” वो बोलीं “ क्या भाई साहब आप भी मज़ाक करते हो ,ऐसा कहीं होता है । “ मैने कहा “ ऐसा नहीं होता तो फिर ठिठकने की क्या ज़रूरत ? उन्होने दूसरा कारण दिया “नहीं भाई साहब ऐसा नहीं ,इससे बना-बनाया काम बिगड़ जाता है । “ मैने फिर उसी तीर को प्रत्यंचा पर चढ़ाया और कहा “ मतलब जितने लोगों के काम बिगड़ते हैं सब घर से छींकते हुए निकलते हैं ? “ उन्होने एक वाक्य में मुझे रिजेक्ट करते हुए कहा “ आपसे तो बहस करना बेकार है भाई साहब । “ फिर भी मैने कहा “भाभीजी, ऐसा नहीं है । छींक
शरीर की एक रक्षात्मक प्रणाली है ,जो नाक में जबरन घुस आये धूल मिट्टी के कण को बाहर निकालने के लिये है । किसी गन्ध या धुयें या कीटाणु की वज़ह से भी छींक आ सकती है । नाक का यह भीतरी हिस्सा इतना सम्वेदनशील होता है कि ज़रा भी ज़बरदस्ती बरदाश्त नही कर सकता । कई बार जुकाम में इतनी छींक आती है कि रोके नही रुकती । हमारे एक मित्र थे जो बीच–बाज़ार में रहते थे और जुकाम के कारण दिन भर आते जाते छींकते रहते थे और न कोई दुर्घटना होती थी न काम बिगड़ता था ।लेकिन जब भी वो ससुराल जाते थे उनका जुकाम गायब हो जाता था इसलिये कि उनकी ससुराल पहाड़ी प्रदेश में थी ,जहाँ कोई प्रदूषण नहीं था । इसलिये छींक आने का सम्बन्ध न शुभ होने से है न अशुभ होने से ।“
वैसे यह अच्छी बात है कि सभी छींको को अशुभ नहीं माना जाता । कुछ लोग छींक आते ही कहते हैं “ शायद कोई याद कर रहा है ।“ फिर उस की याद आते ही उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है । कुछ लोग बातचीत के बीच में छींक आते ही कह उठते है “ देखा, सही बात । “ मानो छींक न हो आई एस आई की मुहर हो । वैसे छींक और याद का थोड़ा बहुत सम्बन्ध तो मै भी मानता हूँ, इसलिये चलते चलते आपको एक मुफ्त नुस्खा दे ही डालता हूँ । मान लीजिये आपको छींक आ ही जाये तो समझिये आपको कोई याद कर रहा है । दूसरी छींक आ जाये तो समझिये कि बहुत ज़्यादा याद कर रहा है । फिर तीसरी छींक आ जाये तो समझिये कि वह आपको अपने पास चाहता है । चौथी छींक आ जाये तो समझिये कि वह बगैर आपसे मिले रह ही नहीं सकता है और फिर पाँचवी छींक आ जाये तो.. किस धोखे में हैं आप ..? डॉक्टर के पास जाईये , आपको जुकाम हो चुका है ।
वैसे आप क्या सोच रहे हैं ॥भाभीजी मेरी बकवास सुनने के लिये अब तक रुकी होंगी ? हर पढ़े-लिखे का यही हाल है भैया । ठीक ,अगली बार बिल्ली के रास्ता काटने पर बात करेंगे । बेशक कुछ नया ही बताउंगा मै ।
आपका -शरद कोकास